इस संसार में अनेकों वस्तुएं ऎसी होती है जो किसी चमत्कार से कम नहीं है। ऎसी चमत्कारी वस्तुओं में दक्षिणावर्ती शंख भी एक है। शंख की महिमा और महत्तव प्रत्येक अनुष्ठान में विशेष रूप से हैं।
भगवान विष्णु के चार आयुधों में शंख प्रमुख है। प्रत्येक विशेष पूजा में शंख द्वारा अभिषेक का महत्तव है। सभी विद्वान और आमजन इस चमत्कारी दक्षिणावर्ती शंख के प्रभाव और चमत्कार के बारे में एकमत हैं।
समुद्र देव द्वारा निर्मित इस तेजस्वी शंख को जो मनुष्य अपने घर और व्यापार स्थल के पूजा स्थान अथवा तिजोरी में रखकर नित्य पूजा करता है, उस व्यक्ति की दरिद्रता, अभाव, असफलता और सभी रोगों का नाश होता है। ऎसा शास्त्रों में भी लिखा है।
मां लक्ष्मी और दक्षिणावर्ती शंख की उत्पत्ति समुद्र से ही हुई है। दक्षिणावर्ती शंख जिसके घर में होता है, वहां लक्ष्मी स्थिर होकर रहती है और सब मंगल ही मंगल होता है
शिर्डी के साईबाबा, भगवान् के सच्चे स्वरुप है .मुझ पर उनकी अनेक कृपा है .मेरा उन्हें शत शत प्रणाम और चरणवंदना . बस सभी लोगों का आशीर्वाद चाहता हूँ | यह मात्र संकलन है यह मेरी मौलिक कृतियाँ नहीं हैं |यह ब्लॉग मैंने अपनी इच्छा के अनुसार बनाया है इसमें जो भी सामग्री दी जा रही है वह मेरी अपनी नहीं है कहीं न कहीं से ली गई है। अगर किसी के कॉपी राइट का उल्लघन होता है तो मुझे क्षमा करें अगर लाभ हो तो कृप्या टिप्पणी अवश्य करें |
मेरे बारे में
- Shankh guru
- jabalpur, madhya pradesh, India
- ॥ ऊं परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः ॥ शंख को ॐ का प्रतीक माना जाता है, इसलिए पूजा-अर्चना आदि समस्त मांगलिक अवसरों पर शंख ध्वनि की विशेष महत्ता है। ऐसी मान्यता है कि शंख ध्वनि से बुरा वक्त टल जाता है
गुरुवार, 9 दिसंबर 2010
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