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jabalpur, madhya pradesh, India
॥ ऊं परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः ॥ शंख को ॐ का प्रतीक माना जाता है, इसलिए पूजा-अर्चना आदि समस्त मांगलिक अवसरों पर शंख ध्वनि की विशेष महत्ता है। ऐसी मान्यता है कि शंख ध्वनि से बुरा वक्त टल जाता है

शुक्रवार, 10 दिसंबर 2010

धीरे - धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय । माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आये फल होय ॥



  1. लगातार गल्तियों का मतलब सफलता के करीब भी जाना होता है, यदि गल्तियां होश में की जायें। इसलिए गल्तियों से सबक लीजिए, उससे घबराइए नहीं।
  2. दुनिया में कोई चीज बेकार नहीं होती, बेकार से बेकार समझी जाने वाली वस्तु की भी कहीं न कहीं बड़ी और मजबूत अहमियत होती है।
  3. अगर तुम चहते हो कि मरने के बाद तुम्हें भुला न दिया जाय तो इसके लिये दो में से कोई एक काम जरुर करो । या तो पढने लायक कुछ लिख डालो या लिखने लायक कुछ कर डालो 
  4. कल जो गलतिया हुई हैं , उनसे सबक लेकर अपने आज को बेहतर करना ही उचित हैं ताकि हमारा आने वाला कल सुखद और सफलतादायक हो. अपने आज को योजनाबद्ध कीजिये , कल अपने आप बेहतर होगा.
  5. हमारा आज , हमारे कल की देन हैं. हमारा आनेवाला कल , हमारे आज की देन होगा. यह महत्वपूर्ण नहीं हैं की हम आज क्या हैं, महत्वपूर्ण यह हैं की हमारे आज के प्रयास और मेहनत किस दिशा में हैं और हम अपने आने वाले कल में क्या चाहते हैं.
  6. किसी के दुर्वचन कहने पर क्रोध न करना क्षमा कहलाता है !
    जिस में दया नहीं ,उस में कोई सदगुण नहीं !
    इश्वर ने आदमी को अपनी अनुकृतिका बनाया !
    प्रत्येक मनुष्य को जीवन में केवल अपने भाग्य की परिक्षा का अवसर मिलता हे !
    वही भविष्य का निर्णय कर देता है !
    प्रत्येक अच्छा कार्य पहले असंभव नजर आता है !
    जीवन एक पुष्प है और प्रेम उसका मधु है !
     "

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